23.08.1985 में अपनी इच्छा से शिक्षिका बनी।तब नहीं जानती थी कि यह निर्णय मेरे जीवन का सर्वश्रेष्ठ निर्णय सिद्ध होगा ।एक शिक्षिका के तौर पर मेरी अनेक उपलब्धियाँ रहीं,परंतु सबसे बड़ी उपलब्धि यह रही कि मेरा बचपन जीवित रहा और मैं एक बेहतर इंसान बनती चली गई।प्रस्तुत है एक चित्रावली-
शैक्षिक भ्रमण
स्वच्छता पत्रिका का विमोचन
विवेकानंद जी पर व्याख्यान
राजभाषा कार्यशाला
आयकर कार्यालय में हिंदी पखवाडा के कार्यक्रम
स्वतंत्रता दिवस
गांधी गिरी
जिज्ञासा कार्यक्रम
प्लॉगिंग
फ़िट इंडिया
स्वच्छता प्रदर्शनी
प्रभात फेरी
सतर्कता शपथ
वार्ता
विद्यालय प्रबंध समिति-हिंदी पत्रिका का विमोचन
जय हिंद!
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